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Monday, April 13, 2009

मैं बसाना चाहती हूँ स्वर्ग धरती पर आदमी जिसमें रहे बस आदमी बन कर उस नगर की हर गली तैयार करती हूँ आदमी हूँ आदमी से पया करती हूँ .

1 comment:

  1. प्यार का ये अहसास बहता रहे
    स्वर्ग कहीं है, तो यहीं है

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