न सही कविता ये मेरे हाथों की छटपटाहट ही सही ..........
प्यार का ये अहसास बहता रहेस्वर्ग कहीं है, तो यहीं है
प्यार का ये अहसास बहता रहे
ReplyDeleteस्वर्ग कहीं है, तो यहीं है