बहुत से काम हैं
लिपटी हुई धरती को फैला दें
दरख्तों को उगायें , डालियों पर फूल महका दें
पहाडों को करीने से लगाएं
चाँद लटकाएं
ख़लाओं के सरों पे नीला आकाश फैलाएं
सितारों को करें रोशन
हवाओं को गति दे दें
फुदकते पत्थरों को पंख देकर नमीं दें
लबों को मुस्कराहट .......