इतनी छोटी सी कविता में कितनी गहरी और भावपूर्ण बातें कह दी !
आशा है आगे भी ऐसी ही सार्थक रचनाएं पढने को मिलेंगी ! *********************** मेरी सच्ची शुभकामनाएं ! ***********************
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें ! लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है। इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
सरल सुन्दर अभिव्यक्ति से शुरूआत पर बधाई श्याम सखा श्याम ‘कौन पूछे है, लियाकत को यहाँ पर पेट भरना है तुझे तो तोड़ पत्थर’
इस गज़ल को पूरा पढ़ने व अन्य गज़लो के लिये यहां पधारें http://gazalkbahane.blogspot.com/पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या http://katha-kavita.blogspot.com/पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें
namaskaar sushila ji bhut hi behtreen prstuti hai kitne kam shabdo me itni achhi abhi vyakti atulniya hai ummid hai aap un hi likhti rahegi bhut bhut shubh kamnaye aur badhayi mere blog par bhi visit kare meri nayi kavita ishk ki andhi me esko isk ho gaye padhe aur apni amuly rai de saadar praveen pathik 9971969084
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
bahut sunder.. sudaama ke tandul ko kahan pahuncha diya
ReplyDeleteआपने छुअन को प्रेम के ऐश्वर्य के साथ जो जोडा है, वह दिमाग को छू गया...
ReplyDeleteशुभकामनाएं...
वाह .. वाह
ReplyDeleteआपने कमाल किया है
इतनी छोटी सी कविता में
कितनी गहरी और भावपूर्ण बातें कह दी !
आशा है आगे भी
ऐसी ही सार्थक रचनाएं पढने को मिलेंगी !
***********************
मेरी सच्ची शुभकामनाएं !
***********************
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
सच में आपने गागर में सागर भर दिया है।
ReplyDeleteबधाई…
नई पोस्ट से अवगत कराते रहें
ashokk34@gmail.com
namaskar
ReplyDeleteaapne achi kavita likhi hai ...bhaavo ki sahi abhivyakti hai ..
meri badhai sweekar kare...
dhanywad..
pls visit myu blo " poemsofvijay.blogspot.com " aur meri kavitao par kuch kahiyenga , specially "tera chale jaana " aur " aao Sajan " par .. mujhe khushi hongi ..
dhanyawad..
सुशीला जी ,
ReplyDeleteबहुत कम शब्दों में बढ़िया अभिव्यक्ति.
शुभकामनायें .
पूनम
बहुत सुंदर, सही अभिव्यक्ति संभवत: इसे ही कहते हैं। कम शब्दों में बड़ी बात।
ReplyDeleteशुभकामनाओं के साथ स्वागत है हिंदी ब्लॉगजगत में
सरल सुन्दर अभिव्यक्ति से शुरूआत पर बधाई
ReplyDeleteश्याम सखा श्याम
‘कौन पूछे है, लियाकत को यहाँ पर
पेट भरना है तुझे तो तोड़ पत्थर’
इस गज़ल को पूरा पढ़ने व अन्य गज़लो के लिये यहां पधारें
http://gazalkbahane.blogspot.com/पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या
http://katha-kavita.blogspot.com/पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें
बहुत ही सुन्दर लिखा है ...
ReplyDeleteआप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
ReplyDeleteलिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी
namaskaar sushila ji
ReplyDeletebhut hi behtreen prstuti hai kitne kam shabdo me itni achhi abhi vyakti atulniya hai ummid hai aap un hi likhti rahegi
bhut bhut shubh kamnaye aur badhayi
mere blog par bhi visit kare
meri nayi kavita
ishk ki andhi me esko isk ho gaye
padhe
aur apni amuly rai de
saadar
praveen pathik
9971969084
कुछ ही shabdon में sundar बात कही है....प्रेम की lajawaab abhivyakti है
ReplyDeletegagar me sagar!narayan narayan
ReplyDeleteइतने कम शब्दों में
ReplyDeleteइतनी बड़ी और सार्थक बात !!
मननीय ......
बधाई स्वीकारें .
---मुफलिस---
bahut sundar sarthak aabhivayqtii......
ReplyDeletejo sambhal sake aashvarey usei ka hai
shubhkamnayee....
हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
ReplyDeleteआप सबके सदभाव के प्रति कृतज्ञ हूँ .....
ReplyDeleteसुन्दर। शुभकामनाएँ।
ReplyDeletekam shabdon men badi sundar bat...badhai.
ReplyDelete“शब्द-शिखर” पर आप भी बारिश के मौसम में भुट्टे का आनंद लें !!
कितना खूबसूरत अंदाज़ है आपके लिखने का ,मुबारक हो
ReplyDeleterachna achchi lagi..............
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteप्रेम का इतना सरल और सहज वर्णन.. दिल को छू गया
ReplyDeleteआप की इस मृदुता का अहसास मुझे पहले न था. अतुलनीय जैसी कविता .
ReplyDeleteSIMPLY LAJAWAAB......... TOUCHING
ReplyDeleteगज़ब....अद्भुत.....वाह.....वाह.....!!!
ReplyDeleteमानसिकता प्रेम की हो तो प्रेम का ऐश्वर्य ही मिलेगा ना!
ReplyDeleteसोच की खूबसूरती की टपकन है "तंदुल और मैं" नामक कविता.