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Thursday, June 25, 2009

तंदुल और मैं

सुदामा के तंदुल सी मैं
छुपती रही यहाँ -वहां
तुम मिले
तुमने छुआ
मुझे मिला
प्रेम का ऐश्वर्य।

27 comments:

  1. bahut sunder.. sudaama ke tandul ko kahan pahuncha diya

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  2. आपने छुअन को प्रेम के ऐश्वर्य के साथ जो जोडा है, वह दिमाग को छू गया...

    शुभकामनाएं...

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  3. वाह .. वाह
    आपने कमाल किया है

    इतनी छोटी सी कविता में
    कितनी गहरी और भावपूर्ण बातें कह दी !

    आशा है आगे भी
    ऐसी ही सार्थक रचनाएं पढने को मिलेंगी !
    ***********************
    मेरी सच्ची शुभकामनाएं !
    ***********************

    कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
    लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
    इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

    तरीका :-
    डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स

    आज की आवाज

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  4. सच में आपने गागर में सागर भर दिया है।
    बधाई…

    नई पोस्ट से अवगत कराते रहें

    ashokk34@gmail.com

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  5. namaskar

    aapne achi kavita likhi hai ...bhaavo ki sahi abhivyakti hai ..
    meri badhai sweekar kare...

    dhanywad..

    pls visit myu blo " poemsofvijay.blogspot.com " aur meri kavitao par kuch kahiyenga , specially "tera chale jaana " aur " aao Sajan " par .. mujhe khushi hongi ..

    dhanyawad..

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  6. सुशीला जी ,
    बहुत कम शब्दों में बढ़िया अभिव्यक्ति.
    शुभकामनायें .
    पूनम

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  7. बहुत सुंदर, सही अभिव्यक्ति संभवत: इसे ही कहते हैं। कम शब्दों में बड़ी बात।

    शुभकामनाओं के साथ स्वागत है हिंदी ब्लॉगजगत में

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  8. सरल सुन्दर अभिव्यक्ति से शुरूआत पर बधाई
    श्याम सखा श्याम
    ‘कौन पूछे है, लियाकत को यहाँ पर
    पेट भरना है तुझे तो तोड़ पत्थर’

    इस गज़ल को पूरा पढ़ने व अन्य गज़लो के लिये यहां पधारें
    http://gazalkbahane.blogspot.com/पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या
    http://katha-kavita.blogspot.com/पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें

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  9. बहुत ही सुन्दर लिखा है ...

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  10. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
    लिखते रहिये
    चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
    गार्गी

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  11. namaskaar sushila ji
    bhut hi behtreen prstuti hai kitne kam shabdo me itni achhi abhi vyakti atulniya hai ummid hai aap un hi likhti rahegi
    bhut bhut shubh kamnaye aur badhayi
    mere blog par bhi visit kare
    meri nayi kavita
    ishk ki andhi me esko isk ho gaye
    padhe
    aur apni amuly rai de
    saadar
    praveen pathik
    9971969084

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  12. कुछ ही shabdon में sundar बात कही है....प्रेम की lajawaab abhivyakti है

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  13. इतने कम शब्दों में
    इतनी बड़ी और सार्थक बात !!
    मननीय ......
    बधाई स्वीकारें .

    ---मुफलिस---

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  14. bahut sundar sarthak aabhivayqtii......
    jo sambhal sake aashvarey usei ka hai


    shubhkamnayee....

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  15. हिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |

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  16. आप सबके सदभाव के प्रति कृतज्ञ हूँ .....

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  17. सुन्‍दर। शुभकामनाएँ।

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  18. kam shabdon men badi sundar bat...badhai.

    “शब्द-शिखर” पर आप भी बारिश के मौसम में भुट्टे का आनंद लें !!

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  19. कितना खूबसूरत अंदाज़ है आपके लिखने का ,मुबारक हो

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  20. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  21. प्रेम का इतना सरल और सहज वर्णन.. दिल को छू गया

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  22. आप की इस मृदुता का अहसास मुझे पहले न था. अतुलनीय जैसी कविता .

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  23. गज़ब....अद्भुत.....वाह.....वाह.....!!!

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  24. मानसिकता प्रेम की हो तो प्रेम का ऐश्वर्य ही मिलेगा ना!

    सोच की खूबसूरती की टपकन है "तंदुल और मैं" नामक कविता.

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