सुशीला पुरी
न सही कविता ये मेरे हाथों की छटपटाहट ही सही ..........
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Monday, November 22, 2010
इस बार .........
इस बार
जब आयेगा वसंत
तो बस
तुम्हारे लिए
वसंत की हवा
वसंत की धूप
वसंत की नमी
वसंत की चाँदनी
सब कुछ होगी
तुम पर न्योछावर
जितने भी फूल
खिलेंगे इस बार
सबके सब
तुम गूँथ देना मेरी चोटी मे
उन फूलों की पूरी सुगंध
करेगी यात्रा
बस
तुम्हारे सांसों की ।
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